सिकंदर से जुडी सबसे चौकाने वाली बाते | Facts About alexander the great
इतिहास में कई शाशक हुए लेकिन फिर भी कोई सिकंदर ना बन सका | सिकन्दर दुनिया का वो शासक था जिसका नाम सुनकर ही अच्छे अच्छे तुरम खा के पसीने छुट जाते थे|
सिकंदर जहा से भी गुजरता वहा पर बर्बादी की निशानि अपने पीछे छोड़ जाता तो चलिए जानते है सिकंदर याने Alexander से जुडी कुछ ऐसी बाते जिसे आप शायद ही वाकिफ होंगे।|
सिकंदर का जन्म 356 ई. पू. में हुआ था जब सिकंदर 19-20 साल का हुआ तब उसके पिता की किसी ने धोके से हत्या कर दी थी |
अपने पिता के मित्त्यु के पश्चात सिकंदर ने राजगद्दी पाने के लिए अपने सौतले और चर्चेर भाईयो की हत्या कर दी और खुद राजगद्दी संभालने लगा |
सिकंदर का गुरु अरस्तू था जिसने सिकंदर को पूरी दुनिया जितने का सपना दिखाया था |
जिनसे प्रभावित होकर ही सिकंदर अपने मकसद की और निकल पड़ा था ।
कई ऐसे मौके भी आए जब सिकंदर की सेना कमजोर पड जाती लेकिन अपने सेना का मनोबल बढाने के लिए सिकंदर खुद आगे आकर लडता जिसे उसके सेना का मनोबल बढ़ जाता |
यूं तो सिकंदर ने तीन शादियां की थी, लेकिन वह प्यार सिर्फ रोक्सना से करता था|
रोक्साना उस समय की सबसे खूबसूरत महिला वो में से एक मानी जाता थी. अपनी 28 की उम्र में सिकंदर उनको देखते ही मोहित हो गया था. सिकंदर उस समय के सबसे क्रूर शाशक में से एक था | जिसने अपने पिता के मित्र की छोटी से गलती पर मौत घाट उतार दिया था |
Alexander
काफी लोगो को लगता है सिकंदर मुस्लिम था लेकिन ऐसा नहीं है उसका असल नाम अलेक्जेंडर था वो पूरी दुनिया जितना चाहता था इसलिए लोग उसे सिकंदर के नाम से भी जानने लगे थे.
कहाँ जाता है की सिकन्दर अपने दोस्त हिफेशियन की मोहबत में थे |
जिसके साथ सिकंदर के शारीरिक संबथ भी थे लेकिन एक युद्ध के दौरान हिफेशियन मौत होगए उसी वक़्त सिकंदर ने हथियार फेंककर उनकी लाश को गले से लगा लिया था. वह एक दिन से भी ज़्यादा समय तक हिफेशियन की लाश से लिपट कर रोते रहे थे.
हमने अक्सर सुना है की सिकंदर अपने पुरे जीवन काल में कभी कोई युद्ध नहीं हारा था।
लेकिन वो राजा पोरस से हार गया था ।
और हार की वजह थी उसके मित्र हिफेशियन की मित्यु ऐसा बताया जाता है की हिफेशियन की मित्यु के बाद सिकंदर पूरी तरह से टूट चूका था |
जिसके बाद उसके जीने की इच्छा ही ख़तम होगई थी और उसके 6 महीने के पछात ही सिकंदर की मौत होगई थी।
दोस्तो आपको हमरी ये पोस्ट कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताए ।
इतिहास में कई शाशक हुए लेकिन फिर भी कोई सिकंदर ना बन सका | सिकन्दर दुनिया का वो शासक था जिसका नाम सुनकर ही अच्छे अच्छे तुरम खा के पसीने छुट जाते थे|
सिकंदर जहा से भी गुजरता वहा पर बर्बादी की निशानि अपने पीछे छोड़ जाता तो चलिए जानते है सिकंदर याने Alexander से जुडी कुछ ऐसी बाते जिसे आप शायद ही वाकिफ होंगे।|
सिकंदर का जन्म 356 ई. पू. में हुआ था जब सिकंदर 19-20 साल का हुआ तब उसके पिता की किसी ने धोके से हत्या कर दी थी |
अपने पिता के मित्त्यु के पश्चात सिकंदर ने राजगद्दी पाने के लिए अपने सौतले और चर्चेर भाईयो की हत्या कर दी और खुद राजगद्दी संभालने लगा |
सिकंदर का गुरु अरस्तू था जिसने सिकंदर को पूरी दुनिया जितने का सपना दिखाया था |
जिनसे प्रभावित होकर ही सिकंदर अपने मकसद की और निकल पड़ा था ।
कई ऐसे मौके भी आए जब सिकंदर की सेना कमजोर पड जाती लेकिन अपने सेना का मनोबल बढाने के लिए सिकंदर खुद आगे आकर लडता जिसे उसके सेना का मनोबल बढ़ जाता |
यूं तो सिकंदर ने तीन शादियां की थी, लेकिन वह प्यार सिर्फ रोक्सना से करता था|
रोक्साना उस समय की सबसे खूबसूरत महिला वो में से एक मानी जाता थी. अपनी 28 की उम्र में सिकंदर उनको देखते ही मोहित हो गया था. सिकंदर उस समय के सबसे क्रूर शाशक में से एक था | जिसने अपने पिता के मित्र की छोटी से गलती पर मौत घाट उतार दिया था |
Alexander
काफी लोगो को लगता है सिकंदर मुस्लिम था लेकिन ऐसा नहीं है उसका असल नाम अलेक्जेंडर था वो पूरी दुनिया जितना चाहता था इसलिए लोग उसे सिकंदर के नाम से भी जानने लगे थे.
कहाँ जाता है की सिकन्दर अपने दोस्त हिफेशियन की मोहबत में थे |
जिसके साथ सिकंदर के शारीरिक संबथ भी थे लेकिन एक युद्ध के दौरान हिफेशियन मौत होगए उसी वक़्त सिकंदर ने हथियार फेंककर उनकी लाश को गले से लगा लिया था. वह एक दिन से भी ज़्यादा समय तक हिफेशियन की लाश से लिपट कर रोते रहे थे.
हमने अक्सर सुना है की सिकंदर अपने पुरे जीवन काल में कभी कोई युद्ध नहीं हारा था।
लेकिन वो राजा पोरस से हार गया था ।
और हार की वजह थी उसके मित्र हिफेशियन की मित्यु ऐसा बताया जाता है की हिफेशियन की मित्यु के बाद सिकंदर पूरी तरह से टूट चूका था |
जिसके बाद उसके जीने की इच्छा ही ख़तम होगई थी और उसके 6 महीने के पछात ही सिकंदर की मौत होगई थी।
दोस्तो आपको हमरी ये पोस्ट कैसी लगी हमे कमेन्ट करके जरूर बताए ।
إرسال تعليق