अफ़ज़ल खान से जुड़ी सबसे चौकाने वाली बाते | Fact About Afzal Khan in Hindi
मुग़लो ने हमारे देश पर कई साल राज्य किया । कई लोगो की जान ली , कई हिंदू वो को मारा और
कई का तो धर्म परिवर्तन करवाया इन्ही मुग़लो में से एक था अफ़ज़ल खान |
जो की एक बोहत ही क्रूर और ताकतवर मुग़ल था जिसने कई हिन्दू मंदिरो को तुड़वाये थे जिसने कई हिन्दू मंदिर तुड़वाए और कई हिन्दू औरतो की इज्जत लूटी थी जिसने हमारे महाराज शिवजी महाराज को मारने की योजना भी बनाई थी
तो चलिए जानते है ऐसे क्रूर अफ़ज़ल खान से जुडी सबसे हैरान कर देने वाली बाते |
1657 वे साल में जब हमारे शिवाजी महाराज ने लघबघ ४० किल्ले जित लिए थे| और कई मुग़लो को पराजित कर डाला था | तब बीजापुर की बड़ी बेगम ने शिवाजी महाराज को मारने के लिए अपने १० हजार सैनिको के
साथ अफ़ज़ल खान को भेजा था|
अफझल खान इतना क्रूर था की विजापुर से निकलते ही उसने कई गांव लुटे , मंदिरो का नाश किया कई औरतो की आब्रु लूटी उसके बाद ही वो वाई पौछा | खान के दवारा किए गए अत्याचार की खबर शिवजी महाराज को लग
चुकी थी। तब महराज प्रताप गढ़ में थे | तब उनकी बीवी सही बाई की तबीयत काफी ख़राब थी लेकिन महाराज
इतने महान थे की उन्होंने उस वक़्त भी अपने स्वराज के बारे में ही सोचा | और तब वह अपनी माँ जीजा बाई के पैर छूने गए तो जीजा माता न उन्हें पहले ही इतहा कर दिया की शिवा बुद्धि से काम लेना | शिवजी महाराज पहले से जानते थे की अफ़ज़ल खान उनसे कुछ न कुछ तो दगा जरूर करेंगा |
इसलिए शिवाजी महाराज ने उन्हें पत्र लिखकर प्रताप गढ़ पर मिलने को कहा। और जैसे ही मिलने की घड़ी आई तो वहा सिर्फ शिवाजी महाराज और अफ़ज़ल खान ही तो और किसी को आने की अनुमति नहीं थी| इसलिए जीवाजी और सैयद बंडा बहार ही खड़े थे | जैसे ही राजे शामियाने में पधारे वैसे ही अफ्ज़हल खान ने कहा की "शिवा तुम अपने आप को बहादुर समजत हो क्या तुमने मुग़ल बादशाह के हुकुम को ठुकराकर तुम बे लगाम बर्तवा क्यों करे हो तुम्हारे सभी किल्ले मेरे हवाले करके मेरी शरण में आजाओ"
अपना घमंड छोडो और मेरे से गले लग जाओ शिवा और जैम जैम कर हस्ते हुए महाराज के गले लग गया |
और पुरे ताकत से महाराज को कुचल डालना चाहता था | और अचानक खान ने राजा का सर दबाया और कुछ समज में आए उससे पहले ही खान ने अपनी गटार निकली और महाराज के पीठ पर वार कर दिया लेकिन हमारे राजे को क्कुह नहीं हुआ क्युकी अंदर बख्तर पहना हुआ था |
इसे पहले खान और भी कुछ कर पाता हमारे राजे ने बिछवा के दात खान के पेट में घुसेड़ दिए। और खान जमके चिल्लाने लगा तभी सय्यद बण्डा शिवाजी महाराज को मारने अंदर आए। और तभी जीवाजी महाल भाग कर आए और सय्यद बण्डा को मार दिया इसलिए मराठी में एक कहावत भी है "होता जीवा म्हणुन वाचला शिवा" जिसका मतलब होता है। जीवाजी थे इसलिए शिवाजी बचे तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही अगर आपको पोस्ट अच्छा लगा होगा|
मुग़लो ने हमारे देश पर कई साल राज्य किया । कई लोगो की जान ली , कई हिंदू वो को मारा और
कई का तो धर्म परिवर्तन करवाया इन्ही मुग़लो में से एक था अफ़ज़ल खान |
जो की एक बोहत ही क्रूर और ताकतवर मुग़ल था जिसने कई हिन्दू मंदिरो को तुड़वाये थे जिसने कई हिन्दू मंदिर तुड़वाए और कई हिन्दू औरतो की इज्जत लूटी थी जिसने हमारे महाराज शिवजी महाराज को मारने की योजना भी बनाई थी
तो चलिए जानते है ऐसे क्रूर अफ़ज़ल खान से जुडी सबसे हैरान कर देने वाली बाते |
1657 वे साल में जब हमारे शिवाजी महाराज ने लघबघ ४० किल्ले जित लिए थे| और कई मुग़लो को पराजित कर डाला था | तब बीजापुर की बड़ी बेगम ने शिवाजी महाराज को मारने के लिए अपने १० हजार सैनिको के
साथ अफ़ज़ल खान को भेजा था|
अफझल खान इतना क्रूर था की विजापुर से निकलते ही उसने कई गांव लुटे , मंदिरो का नाश किया कई औरतो की आब्रु लूटी उसके बाद ही वो वाई पौछा | खान के दवारा किए गए अत्याचार की खबर शिवजी महाराज को लग
चुकी थी। तब महराज प्रताप गढ़ में थे | तब उनकी बीवी सही बाई की तबीयत काफी ख़राब थी लेकिन महाराज
इतने महान थे की उन्होंने उस वक़्त भी अपने स्वराज के बारे में ही सोचा | और तब वह अपनी माँ जीजा बाई के पैर छूने गए तो जीजा माता न उन्हें पहले ही इतहा कर दिया की शिवा बुद्धि से काम लेना | शिवजी महाराज पहले से जानते थे की अफ़ज़ल खान उनसे कुछ न कुछ तो दगा जरूर करेंगा |
इसलिए शिवाजी महाराज ने उन्हें पत्र लिखकर प्रताप गढ़ पर मिलने को कहा। और जैसे ही मिलने की घड़ी आई तो वहा सिर्फ शिवाजी महाराज और अफ़ज़ल खान ही तो और किसी को आने की अनुमति नहीं थी| इसलिए जीवाजी और सैयद बंडा बहार ही खड़े थे | जैसे ही राजे शामियाने में पधारे वैसे ही अफ्ज़हल खान ने कहा की "शिवा तुम अपने आप को बहादुर समजत हो क्या तुमने मुग़ल बादशाह के हुकुम को ठुकराकर तुम बे लगाम बर्तवा क्यों करे हो तुम्हारे सभी किल्ले मेरे हवाले करके मेरी शरण में आजाओ"
अपना घमंड छोडो और मेरे से गले लग जाओ शिवा और जैम जैम कर हस्ते हुए महाराज के गले लग गया |
और पुरे ताकत से महाराज को कुचल डालना चाहता था | और अचानक खान ने राजा का सर दबाया और कुछ समज में आए उससे पहले ही खान ने अपनी गटार निकली और महाराज के पीठ पर वार कर दिया लेकिन हमारे राजे को क्कुह नहीं हुआ क्युकी अंदर बख्तर पहना हुआ था |
इसे पहले खान और भी कुछ कर पाता हमारे राजे ने बिछवा के दात खान के पेट में घुसेड़ दिए। और खान जमके चिल्लाने लगा तभी सय्यद बण्डा शिवाजी महाराज को मारने अंदर आए। और तभी जीवाजी महाल भाग कर आए और सय्यद बण्डा को मार दिया इसलिए मराठी में एक कहावत भी है "होता जीवा म्हणुन वाचला शिवा" जिसका मतलब होता है। जीवाजी थे इसलिए शिवाजी बचे तो दोस्तों आज के लिए बस इतना ही अगर आपको पोस्ट अच्छा लगा होगा|
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